प्रदेश अध्यक्ष नया और टीम वीडी शर्मा की
– पूरे 62 जिले घोषित करने के मूड में टीम वीडी
– हर विधायक की इच्छा पड़ोसी के यहां जन्मे भगत सिंह
– 15 से ज्यादा जिलों में महिलाओं को मौका
– नए नेताओं को रोकने महिलाओं का नाम बड़ा रहे स्थापित नेता
– बीएल संतोष के आने के पहले 62 जिले घोषित कर श्रेय लेना चाहती है प्रदेश भाजपा
राजेश चतुर्वेदी
भोपाल। हर दिन आजकल में टल रही प्रदेश के भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची शनिवार 11 जनवरी को घोषित हो सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के भोपाल आने के पहले प्रदेश भाजपा पूरे 62 जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर सकती है। ऐसा करके अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश है। पार्टी के उच्च पद सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की राय भी थी कि 30 से 35 जिला अध्यक्ष घोषित कर दिए जाएं और नया प्रदेश अध्यक्ष आने के बाद वह अपनी टीम अन्य नेताओं के सामंजस्य से बना सके। लेकिन टीम विष्णु दत्त शर्मा विदाई के पहले हर जिले में अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहती है। इसीलिए कई बड़े नेताओं को नाराज करते और पुराने कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज करते हुए सूची तैयार कर ली गई है।
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह कि कार्यकर्ता निर्माण करने वाली पार्टी में ताकतवर व संभावनाशील कार्यकर्ता को जिला अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए हर स्थापित नेता ने पूरी ताकत लगाई है। हर विधायक और सांसद चाहता है कि उसके क्षेत्र के बाहर का नेता जिला अध्यक्ष बने। भाजपा के गढ़ जबलपुर में स्थापित नेताओं ने महिला नेता अश्विनी परांजपे का नाम तय कर दिया है। दुर्गा वाहिनी से लेकर संघ और भाजपा में सक्रिय रही राजो मालवीय को होशंगाबाद में रोकने के लिए एक विधायक ने पूरी ताकत लगाई और दूसरे विधानसभा क्षेत्र की अपेक्षाकृत नई कार्यकर्ता प्रीति शुक्ला का नाम लगभग तय करा दिया है। इस काम में प्रदेश अध्यक्ष के करीबी और निवृत्तमान जिला अध्यक्ष माधव दास अग्रवाल ने भी भूमिका निभाई है।
प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने तीन पीढ़ियों से संघ और भाजपा का काम कर रहे अमितेंद्र नरोलिया की जगह वीणा ओसवाल का नाम आगे किया है। वहां से वैकल्पिक नाम निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े राजीव सिंह लोधी का है।
सिवनी से मीना बिसेन का नाम फाइनल किया है। यहां से संघ के स्वयं सेवक प्रकाश टेकाम पीछे छूट गए हैं। ग्वालियर में राजौरिया, मुरैना में कुशवाह और विदिशा में दांगी जिला अध्यक्ष लगभग तय है। सीहोर में शिवराजसिंह चौहान रवि मालवीय को फिर से चाहते हैं जबकि विधायक सुदेश राय ने सीताराम यादव का नाम दिया है। मंत्री कारण सिंह और कांग्रेस से आकर विधायक बने गोपाल इंजीनियर , चौहान की पसंद के साथ हैं।
भोपाल में नया गठजोड़ है। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा जब सुमित पचौरी को रिपीट नहीं करा पाए तो उन्होंने रविन्द्र यति के नाम पर सहमति बना ली है। यति को सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी और मंत्री विश्वास सारंग का समर्थन मिल गया है। मंत्री कृष्णा गौर ओर विधायक रामेश्वर शर्मा को इस नाम पर एतराज है। यहां कोई विधायक अपने क्षेत्र का जिला अध्यक्ष नहीं चाहता। पुराने भोपाल से संघ पृष्ठभूमि के चेतन भार्गव और देवेंद्र भार्गव को एक बड़े नेता के दबाव में समर्थन नहीं मिल पाया। इंदौर और धार में भी कशमकश है। सुमित मिश्र और प्रदीप नायर को लेकर नेताओं में जोर आजमाइश है। दीपक जैन टीनू के नाम का मुख्यमंत्री के खेमे ने विरोध किया है।
धार सरदारपुर में विश्वास पांडे और प्रकाश धाकड़ में से धाकड़ के नाम पर मोहर लगी है। राजवर्धन दत्तीगांव के विरोध में मनोज सोमानी का नाम कट गया है। धार ग्रामीण में आदिवासी वर्ग से जयदीप पटेल और पाटीदार समाज से देवेंद्र ओर ओमप्रकाश पाटीदार के नाम पर कहानी अटकी है।
राजगढ़ जिला अध्यक्ष के लिए चार विधायकों ने नगर पालिकाध्यक्ष पंकज पालीवाल के नाम पर सहमति दी थी। सांसद रोडमल नागर भीं तैयार थे लेकिन मंत्री गौतम टैटवाल ने यहां बीटो पावर लगा दिया है। वो अपने विधानसभा क्षेत्र से जिला अध्यक्ष नहीं चाहते। इस कारण प्रदेश अध्यक्ष के करीबी अमित शर्मा का नाम घोषित हो सकता है।