धर्मेंद्र पैगवार
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बीएनएस (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 196
धर्म, नस्ल, भाषा, जाति या समुदाय के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने से संबंधित है। यह धारा बोलचाल, लेखन, संकेतों, दृश्य चित्रों या अन्य साधनों के माध्यम से शत्रुता को बढ़ावा देने वाले कृत्यों को दंडनीय बनाती है।
धारा 196 में क्या शामिल है:
शत्रुता को बढ़ावा देना।
धर्म, नस्ल, भाषा, जाति या समुदाय के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना।
सार्वजनिक शांति को भंग करना:
ऐसे कार्य जो सार्वजनिक शांति को बाधित करते हैं या किसी समूह के खिलाफ हिंसा में व्यक्तियों को प्रशिक्षित करते हैं।
दण्ड:
धारा 196 के तहत अपराध करने पर तीन वर्ष तक का कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
उदाहरण:
अगर कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट धार्मिक समूह के खिलाफ घृणा भड़काने वाला सार्वजनिक भाषण देता है और लोगों से उनके व्यवसायों का बहिष्कार करने का आग्रह करता है, तो यह धारा 196 के तहत दंडनीय होगा।
बीएनएस (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 197
जिसे राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप और कथन के रूप में जाना जाता है, उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो किसी भी रूप से (मौखिक, लिखित, संकेतों द्वारा या वीडियो के माध्यम से) भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालते हैं या राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देते हैं।