आधार, राशन और वोटर कार्ड शामिल करने पर विचार करे ECI – सुप्रीम कोर्ट

आधार, राशन और वोटर कार्ड शामिल करने पर विचार करे ECI – सुप्रीम कोर्ट
बिहार में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि वह पुनरीक्षण के जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को शामिल करने पर विचार करे। साथ ही तीन मुद्दों पर जवाब दाखिल करे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 जुलाई तक टाल दी। साथ ही चुनाव आयोग को 21 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

इससे पहले जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान मतदाता सत्यापन के लिए जरूरी दस्तावेजों से आधार कार्ड को बाहर रखने पर चुनाव आयोग ने कहा कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि आप मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में नागरिकता के मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं? यह गृह मंत्रालय का अधिकार क्षेत्र है। अगर आपको पुनरीक्षण के जरिये नागरिकता की जांच करनी थी तो आपको यह पहले करना चाहिए था। इसमें अब बहुत देर हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परेशानी पुनरीक्षण प्रक्रिया से नहीं है। बल्कि दिक्कत इसके लिए चुने गए समय से है।

न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि इस गहन प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं है ताकि गैर-नागरिक मतदाता सूची में न रहें, लेकिन यह इस चुनाव से पहले होना चाहिए। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि एक बार मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया जाए और अधिसूचित कर दिया जाए और उसके बाद चुनाव हों तो कोई भी अदालत उसमें हाथ नहीं डालेगी।

पुनरीक्षण को बिहार चुनाव से क्यों जोड़ रहे: सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि आप इस प्रक्रिया को नवंबर में होने वाले चुनाव से क्यों जोड़ रहे हैं? यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो पूरे देश के चुनाव से स्वतंत्र हो सकती है। इस पर चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुनवाई का अवसर दिए बिना किसी को भी मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।

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